इक्कीसवीं सदी की औषधि है ध्यान-आचार्य विजय जी
गाजियाबाद/EROS TIMES : अखिल भारतीय योग संस्थान,(रजि०) के तत़्वाधान मे आइ.एम.एस, युनिवर्सिटी कैम्पस, एन एच -24, में अन्तराष्ट्रीय योग दिवस समारोह के द्वितीय सत्र का शुभारंभ परम श्रद्धेय आचार्य विजय जी द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। आचार्य जी ने नासिका शुद्धि के पश्चात 5 मिनट ध्यान मुद्रा मे बैठाकर शांत मन से ईश्वर का ध्यान करने के लिए कहा जिससे सभी को परम शांति का अनुभव हुआ।तत्पश्चात उन्होंने कल बताये गए आसनों के अभ्यास के विषय मे चर्चा की। उन्होंने ओ३म् की ध्वनि का निरन्तर 5 मिनट तक सही तरीके से गुंजन कराया एवं मन मस्तिष्क पर पड़ने वाले प्रभाव को समझाते हुए बताया कि विज्ञान और ऋषि मुनियों ने कहा है कि जो ओ३म् का गूँजन्न नाभी रूपी गुफा से करता है उसकी काया निरोगी होती है,यह याददाश्त को बढ़ाता है,विदेशों में तो मरीज को सर्जरी से पहले 10 मिनट ॐ की ध्वनि कराते हैं,21 वीं सदी की औषधि है ध्यान।
उन्होंने 100 बार कदमताल, शशांक आसान, भुजंग आसन, खाना खाने के बाद10 मिनट वज्रासन मे बैठकर मन व शरीर को स्वस्थ रखने की विधि को बताया।नासिका शुद्धि के लिए 5 बार बाईं नासिका से और 5 बार दाईं नासिका से गहरा लम्बा स्वांस लेना व छोडना तत्पश्चात अनुलोम-विलोम प्रणायाम करने की सही व वैज्ञानिक विधि का अभ्यास कराया।उन्होंने ताली बजाने का महत्व बताते हुए हास्य आसन कराया तथा उसके वैज्ञानिक मतानुसार उपयोगिता को बतलाया। थाइराइड के उपचार के लिए साबुत धनिये के उबले पानी का निहार मुह प्रयोग करना बतलाया।
अन्त मे शिविर के संयोजक सर्वश्री लक्ष्मण गुप्ता संरक्षक, राजकुमार त्यागी ने सभी का घन्यवाद किया।
संस्थान के महामंत्री श्री देवेन्द्र हितकारी जी एवं संगठन मंत्री श्री मनमोहन वोहरा जी ने प्रशासन व संस्थान द्वारा आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर अघिक से अधिक संख्या में पहुंचने की अपील की।
संस्थान के अध्यक्ष श्री के०के० अरोड़ा ने धन्यवाद के साथ साथ आगामी कार्यक्रमों के विषय मे बतलाया तथा प्रसाद गृहण करने का अनुरोध किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में सर्वश्री अशोक शास्त्री,सुभाष गर्ग, डी०एन०शर्मा,आशील जी,प्रवीण आर्य एवं श्रीमती वीना वोहरा, सुधा शर्मा एवं सभी योग शिक्षक-शिक्षिकाओं ने अपना भरपूर सहयोग प्रदान किया।