नई दिल्ली:EROS TIMES: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने आज भाजपा की केन्द्र सरकार के 4 साल की शासन में देश की जनता से किए गए विश्वासघात पर बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में किसान बर्बाद हुए हैं, युवाओं को नए रोजगार देने की बजाय लोगों के रोजगार छिने हैं, अर्थ व्यवस्था ठप हुई, भ्रष्टाचार और घोटाले हुए, राष्ट्रीय सुरक्षा दाव पर लगा दी गई, विदेश नीति में असफलता, दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार बढ़े, महिलाओं पर अत्याचार बढ़े और उनको सुरक्षा देने में असफल, मोदी सरकार के फ्लेगशिप कार्यक्रम बुरी तरह से असफल हुए।
प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन के अलावा दिल्ली प्रभारी पी.सी.चाको, मुख्य प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी, अमन पंवार, चतर सिंह, मेहदी माजिद व शिवम भगत भी मौजूद थे।
संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए अजय माकन ने कहा कि मोदी के सरकार के कार्यकाल में किसान को तंगी में जीवन जीना पड़ रहा है। मोदी सरकार द्वारा अपने 2014 के चुनाव घोषणा पत्र में किसानों के लिए वायदा किया गया था कि लागत पर 50 अतिरिक्त एम.एस.पी. के रुप में दिया जाएगा, जो कि जुमला साबित हुआ। मोदी सरकार के कार्यकाल में 2014-15 तथा 2017-18 में कृषि विकास की दर 1.9 प्रतिशत रही जबकि यूपीए के कार्यकाल में यह दर 4.2 प्रतिशत थी। एम.एस.पी. पर बोलते हुए अरुण जेटली ने 2018-19 की बजट स्पीच में कहा था कि मोदी सरकार पहले ही लागत पर 50 प्रतिशत एम.एस.पी. के रुप में दे रही है।
भाजपा ने 2 करोड़ नौकरियां देने की बात कही थी, परंतु लेबर ब्यूरो रिपोर्ट के अनुसार 2016-17 में केवल 4.16 लाख नौकरियां ही दी गई। मोदी सरकार ने नोटबंदी पर अपनी पीठ थपथपाई थी जबकि उसके इतने दुष्परिणाम हुए कि 15 लाख लोगों को अपनी नौकरियां गवानी पड़ी। मोदी सरकार ने 4 साल में स्टार्ट-अप इंडिया के लिए10,000 करोड़ की फंडिंग करने की बात की थी परंतु 90.62 करोड़ रुपये की फंडिंग हो पाई। इसी प्रकार 6,981 पंजीकृत स्टार्ट-अप बिजनस में से केवल 109 को सरकार की मदद मिल पाई। स्कील इंडिया में प्रशिक्षित हुए लोगों में से केवल 15 प्रतिशत को ही नौकरी मिल पाई।
मोदी सरकार द्वारा किए गए आर्थिक कुप्रबंधन पर बोलते हुए कहा कि इस सरकार द्वारा बनाए गए नए पैमाने के अनुसार से भी जीडीपी की ग्रोथ 4 साल में सबसे कम है। मोदी सरकार के अन्तर्गत भारत का निर्यात बर्बाद हुआ है और जीडीपी के प्रतिशत के हिसाब से 14 वर्षों में जो एक्सपोर्ट हुआ था, मोदी के कार्यकाल में सबसे कम हुआ है। मोदी सरकार के कार्यकाल में सभी बैंकों के एनपीए में 230% की बढ़ौतरी हुई है जहां यह एनपीए मार्च 2014 में 2,51,054 करोड़ था वह दिसम्बर 2017 में बढ़कर 8,31,141 करोड़ हो गया। इसी प्रकार औद्योगिक विकास दर में तेजी से गिरावट आई है और जहां 2016 में यह 7.4% थी वह 2018 में घटकर 4.4% रह गई है। पेट्रोल और डीजल के दाम रिकार्ड तोड़ उॅचाई पर है और मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर टैक्स लगार 10 लाख करोड़ रुपये कमाए है, वह पैसा कहां है? मोदी सरकार के कार्यकाल में बैंकां में 11 घोटाले/भ्रष्टाचार हुए है जिनमें लोगों की खून पसीने की कमाई के 61,036 करोड़ रुपये लूट लिए गए।
मोदी सरकार का कार्यकाल घोटालों तथा भ्रष्टाचार से व्याप्त रहा है। बैंकों में लोगों के पैसे सुरक्षित नही है और घोटालों के कारण 2018 के चौथे क्वार्टर में44,552 करोड़ के करीब का घाटा हुआ है। यूपीए सरकार में जिस एक राफेल जहाज को 526.10 करोड़ में खरीदा जाना था उसको मोदी सरकार ने प्रति जहाज 1670.70 करोड़ में खरीदा है अर्थात राफेल सौदे में भाजपा की सरकार ने क्यों 41,205 करोड़ रुपये ज्यादा दिए? भाजपा सरकार के केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल की सिरड़ी इंडस्ट्री लिमिटेड ने 651.87करोड़ का बैंक लोन वापस नही दिया और उल्टे दिसम्बर 2017 में इस कम्पनी को लोन लिए गए पैसे की कुल राशि का 65% माफ कर दिया गया। भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह के शाहजादे जय शाह की कम्पनी नोटबंदी से पहले 16000 गुणा बढ़कर 50 हजार से 80 करोड़ की हो गई थी। भाजपा शासित मध्य प्रदेश में व्यापन घोटाला हुआ जहां 76,76,718 युवाओं के साथ धोखा हुआ परंतु मोदी सरकार ने व्यापन घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई के 70% अधिकारियों का तबादला कर दिया। राजस्थान की मुख्यमंत्री वंसुधरा राजे ने ललित मोदी को इंग्लैंड भगाने में एक गुप्त हलफनामा दायर करके एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। छतीसगढ़ में ३६ हजार करोड़ का पीडीएस घोटाला हुआ जबकि इस घोटाले में छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह पर सीधा सीधा आरोप है।
नरेन्द्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान कहा था कि 80 लाख करोड़ का कालाधन पहले 100 दिनों में विदेशों से भारत में वापस लाऐंगे। जिसके बाद देश के प्रत्येक नागरिक के खाते में 15 लाख रुपये डाल दिए जाऐंगे। परंतु यह भी उनका जुमला निकला। मोदी सरकार ने इतने सारे घोटाले किए है कि उनको लोकपाल, विसल ब्लोअर बिल पर अपने हाथ खींचने पड़ रहे है और उन्होंने कांग्रेस द्वारा भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के आरटीआई कानून को भी कमजोर कर दिया है। ज्ञात हो कि कांग्रेस की यूपीए सरकार ने अपने कार्यकाल में लोकपाल कानून बना दिया था जिस पर सब की सहमति थी, परंतु अभी मोदी सरकार ने लागू नही किया है जबकि भाजपा और दिल्ली में आम आदमी पार्टी लोकपाल के मुद्दे पर कांग्रेस को बदनाम करके सत्ता में आई थी।
मोदी सरकार के कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा को जितना खतरा हुआ है वह पहले नही हुआ। पिछले 48 महीनों में जम्मू और कश्मीर में सीमा पर हुए हमलों में 371 जवान शहीद हुए है और 239 नागरिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी हैं। जबकि कांग्रेस के कार्यकाल में 139 जवान शहीद हुए थे और केवल 78 लोगों की जान गई थी। पिछले 48 महीनों में पाकिस्तान द्वारा 2,947 बार सीज़ फायर का उलंघन हुआ है। जबकि कांग्रेस के 48 महीनों के कार्यकाल में इसकी संख्या 563 थी। ऐसे समय में जब पाकिस्तान और चीन हमारे देश की ओर दुश्मनी भरी निगाहों से देख रहे है ऐसे समय में मोदी सरकार द्वारा 2018-19 के बजट में जीडीपी का कुल 1.58% रक्षा के लिए रखा गया था। ज्ञात हो कि यह पैसा 1962 से अब तक रखे रक्षा के लिए रखे गए पैसों में सबसे कम है।
मोदी सरकार की विदेश नीति भी बुरी तरह से फेल रही है, जहां एक ओर पाकिस्तान रोज सीज़ फायर का उलंघन करके हमारे जवानों और नागरिकों निशाना बना रहा है परंतु हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिना बताए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मिलने चले जाते है। इसी प्रकार चीन डोकलाम में मिलिट्री काम्पलेक्स बना लेता है और पीओके के द्वारा चाईना इकोनोकिम कॉरिडोर बना लेता है। हमारे प्रधानमंत्री चीन के प्रधानमंत्री को अहमदाबाद में जिस समय झूला झुला रहे थे उस समय चीन के सैनिक बॉर्डर पर हमारी जमीन पर अतिक्रमण कर रहे थे।
माकन ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा दलितों और आदिवासियों का विकास करना तो दूर उल्टे उन पर अत्याचार किए है। मोदी सरकार के राज में दलित उत्पीड़न के खिलाफ बनाए गए कानून को ही कमजोर कर दिया गया और प्रत्येक 12 मिनट में एक दलित पर अत्याचार होता है प्रत्येक दिन 6 दलित महिलाओं के साथ बलात्कार होता है। गुजरात में 4 दलित युवकों को सार्वजनिक रुप से कोड़े मारे जाते है और घसीटा जाता है। डेल्टा मेघवाल का बलात्कार और हत्या तथा रोहित वैम्यूला को आत्म हत्या करने के लिए विवश इन्ही के राज में किया गया है।
नरेन्द्र मोदी सरकार एक तरफ तो बेटी बचाओं का नारा लगाती है और दूसरी ओर कठुआ और उन्नाव में भाजपा के दोगले पन का भंडाफोड होता है। ज्ञात हो कि भाजपा और दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने निर्भया कांड के पश्चात बहुत हल्ला मचाया था। महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए 3600 करोड़ के निर्भया फंड में से 4 वर्षों में केवल 825 करोड़ रुपये खर्च हुए है।
भाजपा के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार के फ्लेगशिप कार्यक्रम पूरी तरह से खोखले दिखाई दिए और पूरी तरह से असफल रहे। गंगा सफाई के लिए बनाए गए नमामी गंगे कार्यक्रम की असफलता को देखते हुए सर्वार्च्च न्यायालय को भी यह टिप्पणी करनी पड़ी कि क्या इस सदी में गंगा साफ हो जाएगी। सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार इस कार्यक्रम के लिए जहां20 हजार करोड़ का बजट रखा गया था जिसमें से केवल 5,378 करोड़ (26.89%) एलोकेट किया तथा (2615.17%) करोड 13 प्रतिशत ही खर्च हुआ। इसी प्रकार स्मार्ट सिटी का कार्यक्रम भी फ्लॉप रहा। जिसमें 9943.22 करोड़ में से केवल 182 करोड़ रुपया अर्थात 1.8 प्रतिशत ही रिलीज किया गया जबकि यह योजना 2015 में शुरु की गई थी।
जेएनएनयूआरएम येजना जिसका कि नाम बदल कर मोदी सरकार ने अमरुत योजना बना दिया था उसके तहत कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में 1 लाख करोड़ खर्च किया गया था। इस योजना में 500 शहरों के लिए 0.33 प्रतिशत पैसा ही खर्च किया गया। सभी के लिए घर योजना के अन्तर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना में मोदी सरकार ने जनवरी2018 तक 3,33,619 घर बनाए है, अर्थात मोदी सरकार ने जो लक्ष्य रखा था उसका केवल 3 प्रतिशत ही पूरा हो पाया है। मोदी सरकार की उज्जवला योजना पूरी तरह से असफल रही है क्योंकि लोगों के पास सिलेडर में गैस भरवाने के लिए पैसा नही है। मुद्रा योजना में पैसा न के बराबर है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली योजना के तहत मोदी सरकार ने 29 अप्रैल 2018 को यह दावा किया कि उन्होंने देश के सभी गांवों में बिजली पहुचा दी है। जबकि उनके बिजली मंत्री ने 12 फरवरी 2018 को राज्यसभा में यह बयान दिया था कि गांव के 80प्रतिशत घरों में बिजली पहुचा दी गई है, और जिस धीमी गति से मोदी सरकार काम कर रही है, 20% घरों में बिजली पहुचाने के लिए 4-5 साल लगेंगे।