नई दिल्ली:EROS TIMES: 18 दिसंबर 2018: भारत की सबसे बड़ी लॉजिस्टिक्स स्किलिंग कंपनी सैफएजुकेट ने हाल ही में ‘ग्रूम इंडिया’ पहल को अपना समर्थन दिया है।
इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 16 वर्षीय सामाजिक उद्यमी करण ढींगरा ने की है।
वसंत वैली स्कूल में कक्षा ग्यारहवीं के छात्र करण का लक्ष्य 13-20 वर्ष के आयु वर्ग के लड़कों के बीच सौंदर्य और व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
इसके लिए समर्पित सौंदर्य और व्यक्तिगत स्वच्छता उत्पादों की स्पष्ट तौर पर कमी है।
यह पहल विशेष रूप से वंचित वर्ग के लड़कों को ग्रूमिंग के महत्व के बारे में जागरुक करने पर केंद्रित होगी।
करण ने एक ग्रूमिंग प्रोडक्ट्स ब्रांड, दि ब्रो बेसिक्स भी लॉन्च किया है, जो विशेष रूप से प्राकृतिक आयुर्वेद नुस्खों का उपयोग करके 13 से 20 साल की उम्र के लड़कों के लिए तैयार किया गया है।
ग्रूम इंडिया पहल वंचित तबके के युवाओं और किशोरों को आत्मनिर्भरता और स्वस्थ जीवन शैली के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरुक कराने पर जोर देती है।
यह आत्मविश्वास को बढ़ावा देती है।
स्वच्छता और ग्रूमिंग संबंधी उपायों की पेशकश करने के अलावा करण अपने फ्लैगशिप ब्रांड, दि ब्रो बेसिक्स से उत्पादों को बिल्कुल मुफ्त में पेश करेंगे।
इस पहल के जरिये करण, स्वच्छता और ग्रूमिंग व आवश्यक प्रोडक्ट्स को एक साथ उपलब्ध कराने की जागरूकता फैलाने के दो-आयामी दृष्टिकोण का उपयोग कर रहे हैं।
दि ब्रो बेसिक्स के उत्पादों से इन लड़कों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
खासकर उस तबके के लिए जो बाजार में उपलब्ध प्रोडक्ट्स का खर्च वहन नहीं कर सकते और विडंबना यह है कि इसकी जरूरत उन्हें सबसे ज्यादा होती है।
इस पहल के दौरान बात करते हुए करण ढींगरा ने कहा, “एक किशोर होने के नाते मैं अपने आयु वर्ग में आत्मविश्वास का महत्व समझता हूं।
अच्छी तरह से तैयार होने और विशेष रूप से व्यक्तिगत स्वच्छता आदतों के साथ अक्सर अच्छे दिखने का मजबूत प्रभाव पड़ता है।
यह एक अहसास है जिसने दि ग्रूम इंडिया प्रोजेक्ट के साथ-साथ दि ब्रो बेसिक्स की स्थापना में योगदान दिया।
दृष्टिकोण, पोशाक और स्वच्छता इस परियोजना के पिलर हैं। जैसे-जैसे युवा लोग असली दुनिया में प्रवेश करते हैं, ग्रूम इंडिया उन्हें किसी भी सामाजिक समूह में बेहतर स्वीकृति के लिए तैयार करता है, चाहे वह सहकर्मियों या परिचितों में ही क्यों न हो। इस पहल के माध्यम से हम चाहते हैं कि लड़कों को यह एहसास हो कि उनकी मौजूदगी को वे एक असेट के तौर पर ढाल सकते हैं।
आखिरकार, फर्स्ट इम्प्रेशन ही स्थायी रहता है।”
सुरक्षित ज्ञान के संस्थापक दिव्य जैन ने कहा, “हम इस बात से हैरान हैं कि इतनी उम्र में भी करण इतनी तन्मयता के साथ प्रयास कर रहा है।
लड़कों के प्रोडक्ट्स के बाजार में वास्तव में एक गैप है। किशोरों और युवाओं में ग्रूमिंग को लेकर कम जागरूकता है।
हम इस प्रयास में करण का पूरी तरह से समर्थन करते हैं। अपने प्रयासों के माध्यम से, सैफएजुकेट भी विभिन्न तरीकों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
इसके जरिये छात्रों को सौंदर्य कौशल के माध्यम से विकसित किया जा सकता है, जो उन्हें भारत के आत्मविश्वास नागरिकों के रूप में विकसित करने में योगदान देगा। ”
ग्रूम इंडिया एक कारोबारी परिवार से ताल्लुक रखने वाले करण ढींगका का दूसरा सामाजिक जागरुकता प्रोजेक्ट है।
इससे पहले वे स्प्रेड द स्माइल फाउंडेशन नई दिल्ली में स्थापित कर चुके हैं।
शुरुआती पहल को 10 से 18 वर्ष के 100 से ज्यादा लड़कों-लड़कियों के बीच प्रमोट किया गया था।