नोयडा: नोयडा के सेक्टर 21 रामलीला मैदान में चल रही श्री रामकथा के तीसरे दिन पूज्य संत श्री विजय कौशल जी महाराज ने रामकथा के दैनिक जीवन मे महत्व पर प्रकाश डाला। आज के समय में मानव बहुत संशय में रहता है,संशय से समाधान की यात्रा ही रामकथा है। भगवान के निराकार रूप पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा जिसके काफी सारे आकार हो,जिसका कोई निश्चित आकार नहीं ह़ो वही भगवान का रुप होता है। वो ऊपर,नीचे,दाये,बाये,नदी,वृक्ष,पत्थर,मूर्ति,कण कण में हैे।जल भगवान की तरह निराकार रूप का सबसे उत्तम उदहारण है। जैसी इस्थिथि मे उसे रखा जायेगा वो ऐसा ही हो जायेगा। कभी ठोस,तरल,भाप। भगवान के भक्त से संभंध पर उन्होंने कहा कि भगवान भक्त से वही सम्भंध रखते जैसा भक्त चाहते हे,चाहे वो पुत्र,पिता,माता,गुरू,मित्र कैसा भी सम्भंध हो। आज की कथा में भक्त चरित्र मे उन्होने सेन नाई,नरसिंह,मीराबाई सहित कई भक्तो की भक्ति पर चर्चा की। शिक्षा एवं ज्ञान पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि हमारा देश भारत थोडा अशिक्षित हो सकता है लेकिन अज्ञानी नहीं।कथा के अंत में उन्होंने कहा की मनुष्य को पैसे और धन दोनों मद नहीं करने चाहिये । कथा के इस शुभ अवसर पर मंगलमय परिवार के सभी लोगो के साथ नगर के असंख्य श्रद्धालु उपस्थित रहे। जिनमे मुख्य यजमान श्री परमात्मा शरण बंसल जी,ए पी वर्मा,छाया शर्मा,सुमन गुप्ता,ओमबीर शर्मा,रवि मिश्रा,डॉ एन के शर्मा,मूलचंद,पवन गुप्ता ,संजय शर्मा,बालकृष्ण ,भानु सिंघल, अशोक,अनिल गुप्ता,करुणा शेखर पाठक ,संदीप तायल नंदी।