नई दिल्ली:EROS TIMES: 25 जून 2019, भाजपा शासित दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने अपने अधीनस्थ आने वाले क्षेत्रों में गृहकर (भ्वनेम ज्ंग) को दोगुना करने का जनविरोधी निर्णय करके दिल्ली के लोगों को एक नायाब तोहफा दिया है।
निगम के इस निर्णय के खिलाफ जनता में भारी रोष व्याप्त है।
आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक मुकेश शर्मा पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि निगम मेे भ्रष्टाचार के कारण हुए घाटे को पूरा करने के लिए लोगों से निगम जबरन गैर-कानूनी तरीके से ये वसूली करेगा।
शर्मा ने सारे मामले की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि जिन सम्पतियों में किरायेदार हैं उनमें सीधा गृहकर को दोगुना करने का आदेश जारी हो गया है।
उन्होंने कहा कि दक्षिणी दिल्ली की सैंकड़ों अनाधिकृत कालोनियाँ व शहरीकृत गांव के लोगों में इस निर्णय के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा है।
उन्होंने यह भी कहा कि बाकायदा निगम के अधिकारी लोगों को नोटिस भी जारी कर रहे हैं। इसके साथ-साथ जबरदस्ती अवैध रूप से भी लोगों को भय दिखाकर धन वसूली की जा रही है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम के इस निर्णय पर दिल्ली सरकार व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की स्वीकृति है क्योंकि दिल्ली सरकार का शहरी विकास मंत्रालय सीधे तौर पर निगम के प्रस्तावों को देखता है।
उन्होंने कहा कि अनाधिकृत कालोनियेां, डी.डी.ए. फ्लैटों, शहरी व ग्रामीण गावों के अलावा पुनर्वास कालोनियों (श्रश्र ब्वसवदपमे) पर भी इस निर्णय को लागू करने की तैयारी है। लगभग 500 करोड़ से भी ज्यादा राशि जनता से वसूली जायेगी।
उन्होंने बताया कि इन कालोनियों व गांवों में लोगों ने अपनी जरूरत के मुताबिक छोटी-छोटी दुकानें किराये पर दे रखी हैं। जिसके चलते लगभग 70 प्रतिशत सम्पतियाँ इस आदेश की चपेट में आयेंगीं उन्होंने कहा कि सच यह है कि निगम ने पहले चरण में सिर्फ किराये की सम्पतियों के लिए आदेश जारी किया है इसके बाद पूरी दिल्ली के रिहाइशी क्षेत्रों पर भी इस आदेश को लागू करने की तैयारी है।
निगम के इस निर्णय से दक्षिणी दिल्ली, नई दिल्ली व पश्चिमी दिल्ली संसदीय क्षेत्रों की 30 विधानसभाओं में रहने वाले लाखों लोगों को निगम की ये मार झेलनी पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि पिछले दरवाजे से समस्त दिल्ली में हाउस टैक्स को दोगुना करने की योजना नगर निगम बना रही है। शर्मा ने कहा कि सेळ तक की कैटेगरी पर बिना कुछ सोचे समझे यह निर्णय थोप दिया गया है जबकि कैटेगरियों का वर्गीकरण करते समय उस क्षेत्र की आर्थिक स्थिति और आय के साधनों का ध्यान रखा गया था।
उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह गैर-कानूनी है क्योंकि बिना कमेटी गठित किये ऐसा आदेश दिया ही नहीं जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वी व उत्तरी नगर निगम में भी इस आदेश को लागू करने की तैयारी की जा रही है।
शर्मा ने आश्चर्य व्यक्त किया कि इस सारे मामले पर भाजपा व आप पार्टी के नेता पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं और इसका विरोध नहीं कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के ठीक बाद भाजपा ने आप पार्टी की मिली भगत से दिल्ली के लोगों को यह तोहफा दिया है। उन्होंने कहा बड़ी संख्या में प्रभावित लोगों ने मुझसे मुलाकात की है और इस फैसले पर ना केवल अपनी नाराजगी जाहिर की है बल्कि इसे अव्यवहारिक बताया है।
मुकेश शर्मा ने दिल्ली के उपराज्यपाल को लिखे एक पत्र में कहा है कि यदि निगम ने यह निर्णय वापिस नहीं लिया तो निगम व दिल्ली सरकार के खिलाफ आन्दोलन शुरू किया जायेगा।
इसके पहले चरण में प्रभावित लोगों की संस्थाओं के प्रतिनिधि प्रदर्शन करेंगे व उसके बाद इस आन्दोलन को बड़े पैमाने पर नीचे तक ले जाने की योजना बना ली गई है। उन्होंने दिल्ली के लोगों से अपील की कि वो इस जन-विरोधी निर्णय के खिलाफ सड़कों पर आयें।