एमिटी में आयोजित “शासन और वैश्विक बहुलता में उभरते रुझान – संतुलन की कल्पना”

EROS TIMES: एमिटी विश्वविद्यालय के एमिटी लॉ स्कूल द्वारा “शासन और वैश्विक बहुलता में उभरते रुझान – संतुलन की कल्पना” विषय पर दो दिवसीय 7वें ट्रांसडिसिप्लिनरी अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन के समापन समारोह में लखनऊ के डा राम मनोहर लेाहिया विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डा ए पी सिंह, एमिटी लॉ स्कूल के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय, भारत सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय के अपर सचिव डा मनोज कुमार, पोलेंड के यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड सांइसेस के इंडो यूरोपीयन एजुकेशन फांउडेशन एंड एकेडमिशियन के निदेशक डा प्रदीप कुमार एंव एमिटी लॉ स्कूल की निदेशक डा शेफाली रायजादा ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर अतिथियों द्वारा सम्मेलन आधारित प्रस्तुत शोध पत्रों की पुस्तक का विमोचन भी किया गया।

लखनऊ के डा राम मनोहर लेाहिया विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डा ए पी सिंह ने कहा कि शासन एवं वैश्विक बहुलता हेतु बहु अनुशासनिक दृष्टिकोण आवश्यक है। कानून को ईश्वर के बराबर कहा गया है। कानून को बिना अंतः अुनशासनिक और बहु अनुशासनिक के बगैर नही समझा जा सकता। कानून किसी भी राष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य के साथ बहुत गहराई से जुड़ा हुआ है। शासन और समाज सहित परिवेश में होने वाले परिवर्तनों पर इसके प्रभाव के बिना चर्चा करना प्रभावी नही है। सार्वजनिक नीतियों को कुशल कानून और प्रभावी प्रशासन के माध्यम से अंतर-सम्बन्धी समुदायों के भीतर कुशलतापूर्वक संबोधित और समन्वयित किया जाना चाहिए। एक समृद्ध समाज के लिए कानून और सामाजिक-राजनीतिक गतिशीलता के बीच संतुलन होना आवश्यक है।

एमिटी लॉ स्कूल के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय ने कहा कि इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के अर्तगत सम्मेलन के विषय के दर्शन और गहन अर्थ को समझना, वैश्विक क्षेत्र में राजनीतिक संरचना में परिवर्तनों के प्रभाव का आकलन करना, वैश्विक शासन बहुलता में परिवर्तनों के लिए जिम्मेदार कारकों की पहचान करना, ज्ञान निर्माण की दिशा में शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, छात्रों और विद्वानों की गहन समझ और दार्शनिक ट्रांसडिसिप्लिनरी योगदान को सुनिश्चित करना और उपरोक्त उद्देश्यों को अकादमिक जगत के प्रतिष्ठित विद्वानों और विभिन्न विषयों के अन्य हितधारकों के पैनल विचार-विमर्श के बाद शोधपत्र प्रस्तुतियों के माध्यम से प्राप्त करने का प्रयास किया गया है।

भारत सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय के अपर सचिव डा मनोज कुमार ने कहा कि विविधता भारत का आंतरिक एवं प्रमुख भाग है जो हमें और से अलग बनाता है। विविधता को स्थानिय, राष्ट्रीय एंव वैश्विक स्तर पर समझना होगा। पंचायती राज से जमीनी स्तर पर, म्यूनिसिपल स्तर, राज्य स्तर और केन्द्रीय स्तर पर निर्णय लेकर शासन व्यवस्था का संचालन होता है। कानून का निर्माण, सामूहिक स्तर पर निर्णय लेकर होता है।

पोलेंड के यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड सांइसेस के इंडो यूरोपीयन एजुकेशन फांउडेशन एंड एकेडमिशियन के निदेशक डा प्रदीप कुमार ने कहा कि एमिटी लॉ स्कूल में आयोजित सम्मेलन सही समय पर हो रहा है जब विश्व के देश विभिन्न खंडों में बंटे हुए है। ऐसे व्यवहार या प्राथमिकताएं जो बहुत ही कम समय में लोकप्रियता या प्रभाव प्राप्त कर रही है तेजी से बढ़ रही है। डा कुमार ने कहा कि अच्छे दोस्त शून्य की तरह होने चाहिए जब आप जोड़ने की कोशिश करते हैं, वे समान होते हैं जब आप घटाने की कोशिश करते हैं तो वे समान होते हैं लेकिन जब आप उन्हें विभाजित करने की कोशिश करते हैं तो वे अविभाज्य होते हैं। शांतिपूर्ण वातावरण आपके अंदर खुशी पैदा नहीं कर सकता, लेकिन आपकी खुशी आपके अंदर शांतिपूर्ण वातावरण पैदा कर सकती है।

एमिटी लॉ स्कूल की निदेशक डा शेफाली रायजादा ने कहा कि सम्मेलन का विषय ‘‘शासन और वैश्विक बहुलता में उभरते रुझान संतुलन की कल्पना’’ पैनल चर्चाओं और उसके बाद शोध-पत्र प्रस्तुतियों के माध्यम से विभिन्न विषयों के छात्रों, प्रख्यात विद्वानों, शिक्षाविदों, राजनीतिक विचारकों, वकीलों और अन्य हितधारकों के इनपुट के साथ सामाजिक-राजनीतिक और कानूनी मुद्दों को संबोधित करने का एक उपयुक्त प्रयास है। इस सम्मेलन में 9 तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया जिसमें नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली विश्वविद्यालय, क्राइस्ट विश्वविद्यालय आदि से लगभग 120 प्रतिभागीयों ने पेपर प्रस्तुत किये।

इस अवसर पर नीदरलैंड की लीडेन विश्वविद्यालय की शिक्षाविद् डा रिया रॉय , यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी मॉरिशस की शिक्षाविद् डा भावना महादेव ने अपने विचार रखे। एमिटी लॉ स्कूल के एडिशनल डायरेक्टर डा अरविंद पी भानू ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

  • admin

    Related Posts

    एमिटी विश्वविद्यालय में ‘‘साइ – कॉन 2025’’ इनोवेट एंड इटीग्रेटेड इंर्टनशिप कार्यक्रम का आयोजन

    EROS TIMES: विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी के छात्रों को इंर्टनशिप के महत्व को बताने और उद्योगों की अपेक्षाओं की जानकारी प्राप्त करने के लिए एमिटी विश्वविद्यालय के विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी डोमेन…

    वक़्फ बोर्ड में ऐसा क्या है? जिसके बदलाव से मुसलमान है डरा हुआ!

    EROS TIMES: भारत में रेलवे और रक्षा मंत्रालय के बाद सबसे ज्यादा जमीन वक्फ बोर्ड के पास बताई जाती है। जबकि मुस्लिम समाज का साफ़ कहना है पता नही ये…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    एमिटी विश्वविद्यालय में ‘‘साइ – कॉन 2025’’ इनोवेट एंड इटीग्रेटेड इंर्टनशिप कार्यक्रम का आयोजन

    • By admin
    • April 3, 2025
    • 36 views
    एमिटी विश्वविद्यालय में ‘‘साइ – कॉन 2025’’ इनोवेट एंड इटीग्रेटेड इंर्टनशिप कार्यक्रम का आयोजन

    वक़्फ बोर्ड में ऐसा क्या है? जिसके बदलाव से मुसलमान है डरा हुआ!

    • By admin
    • April 3, 2025
    • 55 views
    वक़्फ बोर्ड में ऐसा क्या है? जिसके बदलाव से मुसलमान है डरा हुआ!

    वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी हमे तसल्ली दे सकती है लेकिन हमें जीतने की रणनीति पर काम करना होगा।- देवेन्द्र यादव

    • By admin
    • April 3, 2025
    • 32 views
    वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी हमे तसल्ली दे सकती है लेकिन हमें जीतने की रणनीति पर काम करना होगा।- देवेन्द्र यादव

    एमिटी विश्वविद्यालय में ‘‘लैंगिक संवेदनशीलता और यौन उत्पीड़न की रोकथाम के बारे में जागरूकता’’ पर कार्यशाला का आयोजन

    • By admin
    • April 3, 2025
    • 46 views
    एमिटी विश्वविद्यालय में ‘‘लैंगिक संवेदनशीलता और यौन उत्पीड़न की रोकथाम के बारे में जागरूकता’’ पर कार्यशाला का आयोजन

    सांसद ने नॉएडा-ग्रेटर नॉएडा मेट्रो के लंबित प्रोजेक्ट का मुद्दा लोकसभा (सदन) में उठाया

    • By admin
    • April 3, 2025
    • 24 views
    सांसद ने नॉएडा-ग्रेटर नॉएडा मेट्रो के लंबित प्रोजेक्ट का मुद्दा लोकसभा (सदन) में उठाया

    बदलते परिवेश में कार्य शैली बदलनी होगी-आर्य रविदेव गुप्त

    • By admin
    • February 27, 2025
    • 144 views
    बदलते परिवेश में कार्य शैली बदलनी होगी-आर्य रविदेव गुप्त