नई दिल्ली, इरोस टाइम्स: वैश्विक मानकों के अनुसार सरकार हर तीन से चार वर्ष में 2,000 रुपये और 500 रुपये के उच्च मूल्यवर्ग के बैंक नोट्स के सुरक्षा मानकों को बदलने की योजना बना रही है। आपको बता दें कि सरकार की ओर से यह कदम नोटबंदी लागू होने के बाद बीते चार महीनों के दौरान भारी मात्रा में जाली नोटों की धरपकड़ के बाद सामने आया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने नोटबंदी का फैसला पिछले वर्ष 8 नवंबर को लिया था, जिसमें 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट अमान्य कर दिए गए थे। इसके बाद आरबीआई की ओर से 500 और 2000 रुपए के नए नोट जारी किए गए थे।
गुरुवार को एक उच्च स्तरीय मीटिंग में इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी। इस बैठक में वित्त गृह और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया, जिसमें केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि भी शामिल हुए । इस कदम की वकालत करते हुए, गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि ज्यादातर विकसित देश हर 3-4 साल में अपनी मुद्रा के सुरक्षा फीचर्स को बदलती रहती हैं और इसीलिए, भारत के लिए इस नीति का पालन करना बिल्कुल ही जरूरी है।
अधिकारियों ने बताया कि, देश में उच्चल मूल्यप के करेंसी नोटों के डिजाइन में लंबे समय से कोई बदलाव नहीं किया गया है। 1000 रुपए का नोट साल 2000 में आया था और उसके बाद नोट में कोई प्रमुख बदलाव नहीं किया गया। 1987 में 500 रुपए के नोट में 10 साल पहले कुछ बदलाव किए गए थे। नए जारी किए गए नोटों में भी कोई अतिरिक्त सुरक्षा फीचर मौजूद नहीं है और अगर हम इनके सुरक्षा फीचर की बात करें तो पुराने 1000 और 500 के नोट जैसे ही दीखते हैं।