Eros Times: नोएडा| सुप्रसिद्ध एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय मुंबई से संबद्ध, देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में से एक सत्यम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस ने आज अपने वार्षिक दीक्षांत समारोह की सफलतापूर्वक मेजबानी की। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ञ्चलन और राष्ट्रगान के साथ हुआ।डिग्रियाँ मुख्य अतिथि प्रो. शशिकला वंजारी, कुलपति एनआईईपीए, राष्ट्रीय शिक्षा योजना एवं प्रशासन संस्थान द्वारा एसजीआई अध्यक्ष स्नेह सिंह, सचिव सीए प्रदीप गुप्ता, एससीई प्रिंसिपल डॉ. बिनीता अग्रवाल, एसएफआई प्रिंसिपल डॉ. वंदना जागलान, वाइस प्रिंसिपल डॉ. नीतू मल्होत्रा, सुश्री नेहा अग्रवाल, एससीई एचओडी प्रीति गोयल, एसजेएमसी डीन डॉ. एम. आलम, एचओडी प्रियंका सरकार और सभी विभागों के सदस्य की उपस्थिति में प्रदान की गई।
प्रो. वंजारी ने स्नातक होने वाले छात्राओं को बधाई दी और उन्हें अपने सपने पूरे करने के लिए भविष्य में प्रयासों की और ध्यान देने को कहा।
आज संस्थान के ग्रेजुएशन समारोह 2024 में 2023 बैच के लिए कुल 154 डिग्रियां प्रदान की गईं, जिनमें क्रमशः बी. डिजाइन, स्मृातकोत्तर फैशन डिजाइन डिप्लोमा पाठ्यक्रम, बी. एड और बीएमएम शामिल हैं। सत्यम फैशन इंस्टीट्यूट की छात्राओं को कुल 3 स्वर्ण पदक फैशन कम्युनिकेशन की अनन्या मजूमदार, टेक्सटाइल डिजाइन से आकांक्षा शर्मा और लाइफस्टाइल एक्सेसरीज से मीनाक्षी प्रकाश, विश्वविद्यालय स्तर पर शीर्ष पांच में शामिल 2 छात्राओं सत्यम स्कूल से आकांक्षा चौहान और दीक्षा पांडे पत्रकारिता एवं मास कम्युनिकेशन और कॉलेज टॉपर, सत्यम स्कूल ऑफ एजुकेशन की काजल त्रिपाठी को इस वर्ष समारोह में अन्य स्नातक छात्राओं के साथ सम्मानित किया गया।
प्रिंसिपल डॉ. बिनीता अग्रवाल, एससीई, और डॉ. वंदना जागलान, एसएफआई ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें पूरे वर्ष की संस्था की उपलब्धियों को दर्शाया गया। इसके बाद, एसएफआई की वाइस प्रिंसिपल डॉ. नीतू मल्होत्रा और आईक्यूएसी सेल समन्वयक प्रीति गोयल ने सह-पाठ्यचर्या संबंधी गतिविधियों पर प्रकाश डाला और अपना धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया।
एसजीआई में हर साल, छात्राओं को अपनी स्ट्रीम के प्रति अपना सुमर्पण दिखाने का एक विशेष अवसर मिलता है और संस्थान की ‘अर्न व्हाइल यू लर्न पहल के तहत छात्राओं को नकद पुरस्कार दिए जाते हैं और पूरे वर्ष उनकी लगातार कड़ी मेहनत के लिए सम्मानित किया जाता है। इस वर्ष समारोह में सभी विभागों के चालीस से अधिक छात्राओं को इस पहल के तहत पुरस्कृत किया गया।