Eros Times: नोएडा। उत्तर प्रदेश सरकार औद्योगिक विकास की राह आसान बनाने में जुटी, पश्चिमांचल बिजली वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) के निगम की विजिलेंस के अधिकारी-कर्मचारी सरकार की मंशा के विपरीत काम कर रहे हैं। प्रदेश को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले नोएडा के उद्योगों पर विद्युत निगम अनावश्यक आर्थिक बोझ डाल रहा है। बिजली कनेक्शनों की जांच के नाम पर उद्यमियों का उत्पीड़न किया जा रहा है।
एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने पीवीवीएनएल के मुख्य अभियंता राजीव मोहन, प्रबंध निदेशक चित्रा वी, जिला अधिकारी मनीष वर्मा, विधायक पंकज सिंह और ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा को पत्र लिखकर विद्युत वितरण निगम की मनमानी की शिकायत की है।
एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह नाहटा ने बताया कि प्रदेश सरकार आईटी कंपनियों को उद्योग मानती है और नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण भी इस सेक्टर को उद्योग का दर्जा दे रहे हैं। बड़े अश्चर्य की बात है कि पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम आईटी सेक्टर को उद्योग नहीं मान रहा है। आईटी उद्योगों को नोटिस जारी कर भारी-भरकम जुर्माने का बोझ डाला जा रहा है। उद्योगों की श्रेणी में आने वाली आईटी कंपनियों पर वाणिज्यिक विद्युत दरों का आर्थिक बोझ डाला जा रहा है। विद्युद वितरण खंडों में औद्योगिक परिसरों का सर्वे कर टैरिफ परिवर्तन की कार्रवाई की जा रही है। साथ ही, आईटी उद्यमियों को लाखों रुपये के बिल भेजे जा रहे हैं।
संयोजन जांच के नाम पर उद्यमियों को अनाप-शनाप नोटिस भेजकर पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और निगम की विजिलेंस के अधिकारी-कर्मचारी उद्यमियों का उत्पीड़न कर रहे हैं। अनुचित तरीके से औद्योगिक इकाइयों में अनियमितता दिखाकर राजस्व निर्धारित कर उद्यमियों पर एफआईआर दर्ज कराने का डर दिखाया जा रहा है। औद्योगिक विकास के लिए बने सकारात्मक माहौल को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इस तरह के मामले संस्था के संज्ञान में आए हैं। सेक्टर-63 के एक उद्यमी को 670782.00 रुपये जमा करने का नोटिस भेजकर दबाव बनाया जा रहा है। इसी तरह सेक्टर-4 स्थित औद्योगिक इकाई पर 195741.00 रुपये और सेक्टर-10 के उद्यमी को अधिशासी अभियंता खंड पांच की तरफ से नोटिस भेजा गया है।
देश व प्रदेश की आर्थिक तरक्की में नोएडा के उद्योगों का योगदान बना रहे, इसके लिए उद्योगों को निर्बाध बिजली आपूर्ति की व्यवस्था की जानी चाहिए। औद्योगिक सेक्टरों में स्थित स्लम में बिजली चोरी से हो रहे लाइन लॉस को रोकने का पुख्ता इंतजाम होना चाहिए। बिजली ढांचे को सुधारकर नोएडा को सही मायने में नो पावर कट जोन बनाया जाना चाहिए। परंतु विद्युत वितरण निगम उद्यमियों का मनोबल बढ़ाने की जगह अनुचित कार्रवाई का दबाव बढ़ाकर आर्थिक बोझ डालने का काम कर रहा है। कनेक्शनों की जांच के नाम पर अनावश्यक नोटिस भेजकर उद्यमियों का उत्पीड़न बंद किया जाए, तब ही एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा और देश व प्रदेश की आर्थिक तरक्की के रास्ते खुलेंगे। जब सरकार और प्राधिकरण आईटी कंपनियों को उद्योगों का दर्जा दे रहे हैं तो विद्युत निगम को औद्योगिक विद्युत दरों के हिसाब से ही टैरिफ निर्धारित करने चाहिए। कराए जाएं। औ्द्योगिक इकाइयों के निरीक्षण के नाम पर उद्यमियों का उत्पीड़न कर रहे विद्युत निगम एवं विजिलेंस के कर्मचारी-अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।